इंसान की मृत्यु कैसी और क्यों होती हैं? जानें!
इंसान की मृत्यु कब और कैसी होती हैं :- धर्म शास्त्र कहते हैं, जिसने सत्य को जान लिया उसे मरने से कभी डर नहीं लगता, लेकिन जिसने जन्म लिया, उसकी मौत भी अटल सत्य है। वैसे मृत्यु के विषय में ज्ञान होना तो अत्यंत दुर्लभ है। लेकिन कुछ ऐसी दिव्य आत्माएं होती हैं, जिन्हें मृत्यु का आभास मौत से पूर्व ही हो जाता है कि उसकी मौत कब और कैसे होने वाली है। आइए जानें मौत का अनसुलझा रहस्य।
इंसान की मृत्यु कैसी और क्यों होती हैं? जानें! |
इंसान की मृत्यु क्यों होती है? (Why does a human die?)
मृत्यु कोई शब्द नही बल्कि, हिन्दू धर्म के महाभारत ग्रन्थ के अनुसार, मृत्यु एक परम पवित्र मंगलकारी देवी है। सामान्य भाषा मे किसी भी जीवात्मा अर्थात प्राणी के जीवन के अन्त को मृत्यु कहते हैं। मृत्यु सामान्यतः वृद्धावस्था, लालच, मोह,रोग,, कुपोषण के परिणामस्वरूप होती है। मुख्यतया मृत्यु के 101 स्वरूप होते है, लेकिन मुख्य 8 प्रकार की होती है। जिसमे बुढ़ापा, रोग, दुर्घटना, अकस्मती आघात, शोक,चिंता, ओर लालच मृत्यु के मुख्य रूप है।
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इंसान की मृत्यु क्यों होती है? (Why does a human die?)
धर्म शास्त्र कहते हैं जिसने सत्य को जान लिया उसे मरने से कभी डर नहीं लगता, लेकिन जिसने जन्म लिया, उसकी मौत भी अटल सत्य है। वैसे मृत्यु के विषय में ज्ञान होना तो अत्यंत दुर्लभ है। लेकिन कुछ ऐसी दिव्य आत्माएं होती जिन्हें मृत्यु का आभास मौत से पूर्व ही हो जाता है कि उसकी मौत कब और कैसे होने वाली है।
मनुष्य का मौत कब आती है? (When does human death come?)
उसकी मौत 24 घंटे के भीतर हो सकती है। भगवान शिव ने भी मृत्यु के कुछ संकेत बताए हैं। जब व्यक्ति का शरीर पीला, सफेद या हलका लाल हो जाए तो समझ जाना चाहिए कि व्यक्ति की मौत 6 महीने के भीतर हो जाएगी। मृत्यु से करीब 6 माह पहले व्यक्ति की नाक, मुंह, जीभ आदि पत्थर की तरह कड़े हो जाते हैं।
क्या मृत्यु के बाद भी कोई जीवन है? (Is there any life after death?)
हिंदू धर्म के अनुसार मृत्यु के बाद मनुष्य को स्वर्ग या नर्क की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार जो भी व्यक्ति अच्छे कर्म करता है उसके प्राण हरने देवदूत आते हैं और उसे स्वर्ग ले जाते हैं। जबकि जो मनुष्य जीवन भर बूरे कर्म करता है। उसके प्राण हरने यमदूत आते हैं और उसे नर्क में ले जाते हैं। लेकिन उससे पहले उस जीवात्मा को यमलोक ले जाया जाता है। ओर उसे अपने बुरे कर्म का सजा कटना पड़ता हैं।
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मरने के बाद क्या होता है? (What happens after death?)
एक थ्योरी यह भी कहती है कि मौत के बाद मृत शरीर से आत्मा निकलती है। कोमा स्टेज में पहुंचे कई लोग ऐसे अनुभव के बारे में बताते हैं। एक्सीडेंट के बाद मौत के मुंह से लौटकर आए कुछ लोगों का अनुभव है कि उन्होंने उस समय में अपने शरीर को देखा। अधिकतम धार्मिक व्यक्ति का मानना है कि आत्मा कभी नष्ट नहीं होती है। आत्मा जब उस शरीर को छोड़ती है, तब वह शरीर मृत हो जाती हैं। आत्मा एक शरीर से दूसरे शरीर में जाती है। इससे भी यही लगता है कि आत्मा और शरीर दो अलग-अलग चीजें हैं।
इंसान की मृत्यु कैसी और क्यों होती हैं? जानें! |
मरने के बाद आत्मा कितने दिन तक घर में रहती है? (How long does the soul stay in the house after death?)
गरूड़ पुराण में यह उल्लेख भी मिलता है कि मृत्यु के बाद आत्मा को यमदूत केवल 24 घंटों के लिए ही ले जाते हैं और इन 24 घंटों के दौरान आत्मा दिखाया जाता है कि उसने कितने पाप और कितने पुण्य किए हैं। इसके बाद आत्मा को फिर उसी घर में छोड़ दिया जाता है जहां उसने शरीर का त्याग किया था। इसके बाद 13 दिन के उत्तर कार्यों तक वह वहीं रहता है। 13 दिन बाद वह फिर यमलोक की यात्रा करता है।
मृत्यु के समय कितना दर्द होता है? (How much does it hurt at the time of death?)
कुछ धर्मों में बताया जाता है कि मौत के वक्त इतना दर्द होता है कि जितना जिंदा व्यक्ति की खाल उतारने के वक्त होता होगा; मौत के समय यह तकलीफ खासकर पापी लोगों के साथ होता है। इसको कम करने के उपाय भी सुझाए गए हैं। लेकिन मौत की वेदना से डराने का शायद एक उद्देश्य यह होगा कि लोग डर के मारे ही सही अच्छे और नेक काम करें।
मरने से पहले क्या दिखाई देता है? (What does it look like before you die?)
रिसर्च के अनुसार मरने के कुछ समय पहले व्यक्ति के शरीर से अजीब-सी गंध आने लगती है। क्योंकि मौत से 6 महीने पहले से ही व्यक्ति की नाक, मुँह और जीभ पत्थर की तरह कड़े होने लगते हैं। 9। माना जाता है कि जब व्यक्ति मरने वाला होता है तब उसे अपने सभी अच्छे-बुरे कामों की याद आने लगती है।
शरीर में आत्मा कब प्रवेश करती है? (When does the soul enter the body?)
बच्चा जब पैदा होता है तब आप सिर को छूकर इस छिद्र को महसूस कर सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मां के गर्भ में बच्चे के शरीर में आत्मा इसी छिद्र से प्रवेश करती है। अपनी जिंदगी में इंसान जैसा कर्म करता है मौत के समय उसकी आत्मा भी कर्मों के हिसाब से शरीर के भागों में से निकलती है।
मरने के बाद शरीर का कितना वजन कम हो जाता है? (How much weight does the body lose after dying?)
डॉ।डंकन मैक डॉगल नामक शख्स ने 10 अप्रैल साल 1901 में इस बात का पता लगाने के लिए उन्होंने एक अजीबोगरीब प्रयोग किया। अमरीका के डॉर्चेस्टर में हुए इस परीक्षण में डॉ। डंकन ने अपने चार अन्य साथी डॉक्टर्स को शामिल किया।
सब्जेक्ट के तौर पर ऐसे चार पुरुष और एक महिला को शामिल किया जो कि मरने वाले थे। इन्हें खासतौर पर डिजाइन किए गए फेयरबैंक्स वेट स्केल पर रखा गया और मरने से पहले बड़ी ही सावधानी से उनका वजन लिया गया।
इसके बाद जब इन मरीजों की मौत हो गई तो दोबारा उनका वजन लिया गया। वैज्ञानिकों की इस टीम ने पाया कि मृत्यु के बाद उनके वजन में पहले से कुछ अंतर आया है। सभी ने अपने वजन का कुछ हिस्सा खो दिया। हालांकि ध्यान देने वाली बात यह भी थी कि सभी का वजन समान रुप से कम नहीं हुआ। ऐसे में डॉ।डंकन मैक डॉगल ने निष्कर्ष के तौर पर कहा कि आत्मा का वजन 21 ग्राम होता है।
बाद में डॉ।डंकन ने इस तरह का प्रयोग कुत्तों के साथ भी किया, लेकिन मरने के बाद उनका वजन कम नहीं हुआ। इस बारे में डॉ।डंकन ने कहा कि आत्मा केवल इंसानों के अंदर ही होता है।हालांकि उनका यह भी कहना था कि इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है।
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मृत्यु के समय कितना दर्द होता है?
इंसान जल्दी कैसे मरता है?
इंसान कब मरता है?
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क्या मृत्यु निश्चित है?
मरने के बाद क्या होता है?
इंसान क्यों मर जाता है?
आदमी मरते समय क्या सोचता है?
हम मरते क्यों है?
मरने के बाद आत्मा कितने दिन तक घर में रहती है?
तो दोस्तों आपको समझ में आ गया होगा कि इंसान की मृत्यु कैसी और क्यों होती हैं? । अगर आपको इस आर्टिकल इंसान की मृत्यु कैसी और क्यों होती हैं? से जुड़ी हुई कोई बातें हो, तो हमें comment जरूर करें।