shayari on studies in rain
बारिश से या बारिश के दिन में मन का रिश्ता बहुत ही गहरा है, इसमें से मन का मौसम बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। इसलिए हम आज shayari on studies in rain लाए हैं।
किसी की याद सताने लगती है, तो कभी अपने आप में खुशनुमा सा माहौल लगता है। इस बदलते मन को एक शायर से ज्यादा शायद ही कोई और महसूस कर सकता हैं, इसलिए पेश हैं आपके लिए बारिश में पढ़ाई पर शायरी ।
shayari on studies in rain
जब भी होगी पहली बारिश, तुमको हम सामने पायेंगे,
वो बूंदों से भरा हुआ चेहरा तुम्हारा हम देख तो पायेंगे।
Jab Bhi Hogi Pahli Barish, Tumko ham Samne Payenge,
Wo Boondo Se Bhara hua Chehra Tumhara Hum Dekh To Payenge.
तुमको बारिश पसंद है, और मुझे बारिश में तुम,
तुमको हँसना पसंद है, और मुझे हस्ती हुई तुम,
तुमको बोलना पसंद है, और मुझे बोलते हुए तुम,
तुमको सब कुछ पसंद है, और मुझे सिर्फ तुम।
Tumko Barish Pasand Hai, or Mujhe Barish Me Tum,
Tumko Hansna Pasand Hai, or Mujhe Haste Hui Tum,
Tumko Bolna Pasand Hai, or Mujhe Bolte Huye Tum,
Tumko Sab Kuch Pasand Hai, Aur Mujhe sirf Tum.
हैरत से ताकता है, सहरा बारिश के नज़राने को,
कितनी दूर से आई है, ये रेत से हाथ मिलाने को।
Hairat Se Takta Hai Sahra Barish Ke Najrane Ko,
Kitni Door Se Aai Hai, Ye Ret Se Hath Milane Ko.
Baby children birthday shayari के साथ साथ ये शायरी भी जरूर पढ़ें:-
• Sad Shayari हिंदी में लिखी हुई
• Sad Shayari Girlfriend के लिए
यहां भी बरस जाये कुछ नूर की बारिशें,
क्योंकि ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,
उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,
जिनकी यादें हमारे दिल में धुंधली सी पड़ी है।
Yaha bhi Baras Jaye Kuch Noor Ki Barishen ,
Kyoki Emaan Ke Shishon Pe Badi Gard Jami Hai,
Us Tasveer Ko Bhi Kar De Taza,
Jinki Yaaden Humare Dil Me Dhudhli Si Padi Hai.
कहीं तुम फिसल न जाओ जरा संभल के चलना,
मौसम बारिस का भी है, और मोहब्बत का भी।
Kahin tum Fisal Na Jao Jara Sambhal Ke Chalna,
Mausam Barish Ka Bhi Hai, Aur Mohabbat Ka Bhi.
एक तो ये रात, उफ़ ये बरसात,
इक तो साथ नही तेरा, उफ़ ये दर्द बेहिसाब
कितनी अजीब सी है ये बात,
अब मेरे ही बस में नही मेरे ये हालात।
Baby children birthday shayari साथ साथ ये शायरी भी पढ़ें:-
Ek To Ye Raat, Uff Ye Barsaat,
Ek To Sath Nahi Tera, Uff Ye Dard Behisab
Kitni Ajeeb Si Hai ye Baat,
Ab Mere Hi Bas Me Nahi Mere Ye Halat.
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे,
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं।
Rahne Do Ki Ab Tum Bhi Mujhe Parh Na Sakoge,
Barsat Me Kagaj Ki Tarh Bheeg Gaya Hun Main.
मजबूरियाँ ko ओढ़ के निकलता हूँ, घर से आजकल,
वरना शौक तो मुझे आज भी है बारिशो में भीगने का।
Majbooriyan ko Odh Ke Nikalta Hun Ghar Se Aajkal,
Barna Shauk To mujhe Aaj Bhi Hai Barishon Me Bheegne Ka.
अपने आप को इतना भी न बचाया कर,
बारिशें जब हुआ करे तो भीग जाया कर।
Apne asp Ko Itna Bhi Na Bachaya Kr,
Barisen jab Hua Kare To Bheeg Jaya Kar.
अगर आपको यह Baby children birthday shayari पसंद आया है, तो इसे sare जरूर करें।