हमारी किसी बात से दुःखी मत होना,
नादानी से हमारी नाराज मत होना,
पहली बार प्यार किया है हमने किसी को इतना,
तुम हमसे कभी भी अलग मत होना.....
सामने बैठे रहो दिल को करार आएगा,
जितना देखेगे तुम्हें उतना ही प्यार
आएगा।
रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता,
रिश्ता निभाने से रिश्ता बनता है ।
ना चांद की चाहत ना, तारो कि फरमाइश,
हर जन्म तू मिले बस यही
मेरी ख्वाइश.....
तुझे चाहा तुझे बताया लेकिन हक
ना जताया कभी,
तुझसे दूर होकर खुद रोए बहुत पर
तुझको ना सताया कभी।
मेरी पत्नी मेरी जान ही तुम,
मेरा प्यार अभिमान हो तुम ।
तुम्हारे बिना अधूरा हूं मैं,
क्योंकि मेरा संसार हो तुम।।
खता इश्क कि हुई हैं
तो सजा भी आशिकाना हो........ सनम ।
उम्र कैद की सजा हो
और दिल आपका कैदखाना हो........सनम।।
जाने क्यों आती हैं याद तुम्हारी ,
चुरा ले जाती हैं आंखो से नींद हमारी।
अब यही ख्याल रहता हैं सुबह शाम,
कब होगी तुमसे मुलाकात हमारी।।
मोहब्बत इंसान को जीना सिखा देती हैं,
वफा के नाम पर मरना सिखा देती हैं।
अगर मोहब्बत नहीं की तो कर के देखना,
ये जालिम हर दर्द सहना सिखा देती हैं।।
मैं तेरी तलाश में मैं बहुत दूर निकल आया हूं।
तेरे खातिर मैं खुद को कितना बदल आया हूं।।
नादानी से हमारी नाराज मत होना,
पहली बार प्यार किया है हमने किसी को इतना,
तुम हमसे कभी भी अलग मत होना.....
सामने बैठे रहो दिल को करार आएगा,
जितना देखेगे तुम्हें उतना ही प्यार
आएगा।
रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता,
रिश्ता निभाने से रिश्ता बनता है ।
ना चांद की चाहत ना, तारो कि फरमाइश,
हर जन्म तू मिले बस यही
मेरी ख्वाइश.....
तुझे चाहा तुझे बताया लेकिन हक
ना जताया कभी,
तुझसे दूर होकर खुद रोए बहुत पर
तुझको ना सताया कभी।
मेरी पत्नी मेरी जान ही तुम,
मेरा प्यार अभिमान हो तुम ।
तुम्हारे बिना अधूरा हूं मैं,
क्योंकि मेरा संसार हो तुम।।
खता इश्क कि हुई हैं
तो सजा भी आशिकाना हो........ सनम ।
उम्र कैद की सजा हो
और दिल आपका कैदखाना हो........सनम।।
जाने क्यों आती हैं याद तुम्हारी ,
चुरा ले जाती हैं आंखो से नींद हमारी।
अब यही ख्याल रहता हैं सुबह शाम,
कब होगी तुमसे मुलाकात हमारी।।
मोहब्बत इंसान को जीना सिखा देती हैं,
वफा के नाम पर मरना सिखा देती हैं।
अगर मोहब्बत नहीं की तो कर के देखना,
ये जालिम हर दर्द सहना सिखा देती हैं।।
मैं तेरी तलाश में मैं बहुत दूर निकल आया हूं।
तेरे खातिर मैं खुद को कितना बदल आया हूं।।