क्या पता था कि मोहब्बत
ही हो जाएगी,
हमें तो बस आपका मुस्कुराना
अच्छा लगा था।
ही हो जाएगी,
हमें तो बस आपका मुस्कुराना
अच्छा लगा था।
जिंदगी बहुत ही खूबसूरत हो जाती हैं,
जब साथ देने वाला धोखेबाज न हो...!
पता है तुम्हारी और हमारी इस मुस्कान में फर्क क्या है?
तुम खुश होकर मुस्कुराते हो,
और हम तुम्हे खुश देख कर के मुस्कुराते हैं।
मैं दिल हूं और तुम जो सांसे से हो मेरी,
मैं जिस्म हूं और तुम जो जान हो मेरी,
मैं चाहत हूं और तुम जो इबादत हो मेरी,
मैं नशा हूं और तुम जो आदत हो मेरी।
मोहब्बत खुद बताती हैं,
कहां किसका ठिकाना है,
किसे आंखे में रखना है,
किसे दिल में बसाना है।
आखिर कैसे छोड़ दू तुझसे मोहब्बत करना,
तू किस्मत में नहीं है लेकिन दिल में तो हैं।
कितने चेहरे है इस दुनियां में,
मगर हमको एक ही चेहरा नजर आता है,
दुनियां को हम क्या देखें,
उसकी यादों में सारा वक्त गुजर जाता हैं।
रूठी जिंदगी में तुझको मना लेंगे हम,
मिले जो गम सह लेगें हम,
बस आप रहना हमेशा साथ हमारे तो,
निकलते हुए आंसुओ में भी मुस्कुरा लेंगे हम।